Wednesday, January 12, 2011

LOHRI SPL. G.

आप सब को लोहड़ी कि बहुत-२ शुभ कामनाएं और मुबारकें, खुश रहिये ,आबाद रहिये जहां रहिये स्वस्थ रहिये.
वैसे अब तो लोहड़ी एक रस्म भर हो कर रह गयी है. केवल पंजाब में थोड़ा बहुत उत्साह नज़र आता है बाकी सब जगह तो थोड़ी सी आग जलाई ,उसमें थोड़े से फुल्ले और रेवाड़ी डाले और हाथ जोड़ कर रेवाड़ी-मूंगफली खा ली .लो जी हो गई अपनी तो लोहड़ी.
जब हम लोग छोटे थे तब ऐसा नहीं था, उन दिनों हम लोग (छोटे बच्चे)उछलते कूदते हुए  गलियों में भागते और शोर मचाते हुए घर - घर लोहड़ी  मांगने जाते. घर कि बड़ी - बूढ़ियाँ बच्चों को रेवड़ियां, मकई के फुल्ले,मूंगफली और कोई-कोई तो पैसे भी देतीं थीं. बल्कि जिसके घर जाना रह जाता वोह बुरा मानते थे. बच्चों कि इस दिन खूब मौज रहती . भगवान् वोह खुशियाँ सब को फिर दिखाए. HAPPY LOHRI.

1 comment:

  1. Jai Sita Ram, Mamaji, HAPPY LOHRI !!!

    I do remember the old days, great celebrations of our lovely and beautiful festivals, now these become just a formality(sad). :-(

    Eager to see the 3rd part(Baijnath).
    Kind regards,
    Ashutosh Chhibber.

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